हजारीबाग में श्री श्याम मनुहार महोत्सव का भव्य आयोजन, भक्तिमय माहौल में गूंजे भजन

Team HU: हजारीबाग के मुनका बगीचा प्रांगण में एकदिवसीय तृतीय श्री श्याम मनुहार महोत्सव का आयोजन भक्ति और श्रद्धा के साथ किया गया। इस महोत्सव का आयोजन श्री श्याम अरदास कीर्तन परिवार द्वारा किया गया था, जिसमें बाबा श्याम की पूजा-अर्चना और भजन संध्या का भव्य कार्यक्रम हुआ। भक्तों की भारी भीड़ और भक्ति भाव से ओतप्रोत माहौल ने कार्यक्रम को अद्वितीय बना दिया।

पूजा-अर्चना से हुई कार्यक्रम की शुरुआत

महोत्सव की शुरुआत बाबा श्याम की पूजा-अर्चना से हुई, जिसे श्री राणी सती मंदिर के प्रधान पुजारी शशिकांत मिश्रा ने विधिवत रूप से सम्पन्न कराया। पूजा के बाद बाबा की आरती की गई, जिसके साथ कार्यक्रम की आधिकारिक शुरुआत हुई। बाबा श्याम की अलौकिक झांकी और अखंड ज्योत ने भक्तों के मन को मोह लिया।

भजन संध्या में कलाकारों ने बिखेरा रंग

कार्यक्रम में स्थानीय कलाकारों ने अपनी भक्ति पूर्ण प्रस्तुतियों से श्याम भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद, बाहर से आए युवा कलाकार रोहित शर्मा और कृष्ण कुमार ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से सभी का दिल जीत लिया।

राष्ट्रीय स्तर के भजन गायक शुभम-रूपम ने अपनी आवाज़ से माहौल को और भी भक्तिमय बना दिया। उन्होंने गणेश वंदना से शुरुआत कर हनुमान जी, भोले बाबा और बाबा श्याम के भजनों की प्रस्तुति दी, जिससे पूरा पंडाल झूम उठा। शुभम-रूपम की यह पहली प्रस्तुति हजारीबाग की पावन धरती पर थी, जो श्रोताओं के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बन गई।

विशेष आयोजन और भक्तों की श्रद्धा

भजन संध्या के दौरान बाबा श्याम के लिए विशेष रूप से अखंड ज्योत, इत्र की वर्षा, मनोहारी श्रृंगार, सवामणि, छप्पन भोग और महाभोग का आयोजन किया गया। बाबा के दरबार के सामने सजाई गई स्वर्ग लोक की अलौकिक झांकी ने भक्तों को स्वर्गीय आनंद का अनुभव कराया। भजन संध्या का लाइव टेलीकास्ट भी किया गया, जिससे दूर-दराज से आए भक्त भी इसका आनंद ले सके।

आयोजन की सफलता पर आयोजकों ने जताया आभार

महोत्सव के सफल आयोजन पर आयोजकों ने सभी श्याम प्रेमियों का आभार व्यक्त किया, जिनके सहयोग से यह कार्यक्रम ऐतिहासिक रूप से सफल हुआ। विशेष धन्यवाद दिया गया भजन गायक शुभम-रूपम और उनकी टीम को, जिन्होंने अपनी प्रस्तुतियों से हजारीबाग की धरती को भक्तिमय कर दिया।

इस भव्य आयोजन ने हजारीबाग के भक्तों को एक साथ आने और भक्ति के इस अद्भुत सफर में शामिल होने का अवसर दिया। आयोजकों का कहना है कि ऐसे आयोजनों से भक्तों की आस्था और भी प्रगाढ़ होती है और उन्हें आध्यात्मिक शांति की अनुभूति होती है।

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