झारखंड: भाजपा बागियों को साधने में जुटी, डैमेज कंट्रोल की कमान शिवराज और हिमंता को सौंपी

Team HU : झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा में उम्मीदवारों की घोषणा के बाद पार्टी के भीतर बगावत तेज हो गई है। 66 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा के बाद कई पूर्व विधायक और नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। इनमें से कुछ विरोधी पार्टियों से संपर्क साध रहे हैं। हाल ही में, पूर्व विधायक लुईस मरांडी समेत कई अन्य नेता झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) में शामिल हो गए हैं, जिससे पार्टी के लिए चुनौती बढ़ गई है।


डैमेज कंट्रोल में जुटी भाजपा:

इस स्थिति को संभालने के लिए भाजपा ने अपनी डैमेज कंट्रोल नीति के तहत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है। प्रदेश चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान और चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्व सरमा को विशेष रूप से बागी नेताओं को मनाने और पार्टी के भीतर स्थिरता बनाए रखने की जिम्मेदारी दी गई है। सोमवार को दोनों नेता रांची पहुंचे और पार्टी के वरिष्ठ नेता रवींद्र राय से मुलाकात की, साथ ही बागियों से बातचीत कर स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिशें शुरू कीं।

मेनका सरदार का इस्तीफा वापस:

तीन बार भाजपा की विधायक रह चुकीं मेनका सरदार के इस्तीफे के बाद, उन्हें मनाने के लिए प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू को पोटका भेजा गया। इसके साथ ही, शिवराज सिंह चौहान ने स्वयं मेनका सरदार से फोन पर बात की, जिसके बाद उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया और मीरा मुंडा को समर्थन देने का ऐलान किया, जिन्हें पोटका से भाजपा प्रत्याशी घोषित किया गया है।

हिमंता बिस्व सरमा का बयान:

रांची में मीडिया से बातचीत के दौरान, असम के मुख्यमंत्री और प्रदेश चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्व सरमा ने कहा कि कुछ लोग टिकट की घोषणा से संतुष्ट नहीं होते, लेकिन भाजपा में बगावत की स्थिति उतनी गंभीर नहीं है। उन्होंने भरोसा जताया कि भाजपा जनता के बीच जाकर संकल्प घोषणापत्र प्रस्तुत करेगी, और एनडीए की सरकार झारखंड में बनाना सुनिश्चित करेगी।

भाजपा की यह रणनीति बागियों को साधने और पार्टी के भीतर एकता बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है, जिससे आगामी चुनाव में पार्टी को बेहतर परिणाम मिल सके।

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