झारखंड चुनाव: 26 ST-SC सीटें बनेंगी सत्ता का द्वार, भाजपा के लिए चुनौती

Team HU : झारखंड विधानसभा चुनाव में इस बार सत्ता का फैसला काफी हद तक आरक्षित सीटों पर निर्भर करेगा। राज्य की 81 सीटों में से 37 सीटें आरक्षित हैं, जिनमें से 26 सीटों पर पहले चरण में 13 नवंबर को मतदान होना है। इन 26 सीटों में 6 अनुसूचित जाति (SC) और 20 अनुसूचित जनजाति (ST) की सीटें शामिल हैं। पिछले विधानसभा चुनाव (2019) में इन 26 आरक्षित सीटों ने ही सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।


2019 में झामुमो-कांग्रेस गठबंधन का दबदबा

पिछले चुनाव में इन 26 सीटों में से 21 सीटों पर झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन (इंडिया गठबंधन) ने जीत दर्ज की थी, जबकि भाजपा को सिर्फ 5 सीटें मिल पाई थीं। इसका सीधा परिणाम यह हुआ कि झारखंड में झामुमो और कांग्रेस की गठबंधन सरकार बनी। राज्य की कुल 37 आरक्षित सीटों में से अभी भी 29 सीटें इंडिया गठबंधन के पास हैं, जो भाजपा के लिए इस बार बड़ी चुनौती पेश कर रही हैं।

पहले चरण की 26 सीटें सत्ता की कुंजी

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि झारखंड की सत्ता का रास्ता इन्हीं 26 ST-SC सीटों से होकर गुजरेगा। इन सीटों पर कड़ी टक्कर होने की संभावना है, क्योंकि ये सीटें राज्य की राजनीतिक गणित को सीधे प्रभावित करती हैं। भाजपा के लिए इस बार चुनौती यह है कि वह कैसे पिछली हार से उबरकर इन सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत कर सके।

भाजपा को सत्ता में वापसी के लिए इन 26 आरक्षित सीटों पर अच्छा प्रदर्शन करना जरूरी होगा, क्योंकि इन सीटों के नतीजे ही चुनावी समीकरण बदल सकते हैं। वहीं, झामुमो-कांग्रेस गठबंधन इन सीटों पर अपनी जीत को बरकरार रखने के लिए पूरी ताकत से मैदान में उतरेगा।

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