मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में गड़बड़ी: पाकुड़ में वीएलई पर लगे गंभीर आरोप, जांच की मांग

अनिल पटेल /Hu: झारखंड सरकार द्वारा महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का क्रियान्वयन राज्यभर में जोर-शोर से किया जा रहा है। इस योजना का लाभ 21 से 49 वर्ष की महिलाओं को मिलना है। हालांकि, पाकुड़ जिले में इस योजना के तहत हुई गड़बड़ी के आरोप सामने आए हैं, जिससे सरकारी मापदंडों की धज्जियां उड़ती नजर आ रही हपाकुड़ जिले में इस योजना के तहत किए जा रहे कार्यों में अनियमितताओं की खबरें सामने आई हैं। आरोप है कि कुछ लोग, जो इस योजना के लाभार्थियों की सूची तैयार कर रहे हैं, ने महिलाओं के अलावा पुरुषों और बच्चों के नाम भी जोड़ दिए हैं। इस संबंध में पाकुड़ प्रखंड विकास पदाधिकारी समीर अल्फ्रेड मुर्मू ने दो वीएलई (Village Level Entrepreneurs) के खिलाफ उपायुक्त को शिकायत भेजी है। शिकायत में नवादा के वीएलई मेमरूल हक और मणिरामपुर पंचायत के वीएलई सदाकत शेख के नाम शामिल हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर

प्राप्त जानकारी के अनुसार, इन दोनों वीएलई पर अपने परिवार के पुरुष सदस्यों और बच्चों के नाम योजना में दर्ज करने का आरोप है। शिकायत के बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी ने मामले की जांच के लिए उपायुक्त पाकुड़ से पत्राचार किया है। पाकुड़ डीसी मृत्युंजय कुमार बरणवाल ने बताया कि शिकायत प्राप्त होने पर मामले की जांच की जाएगी, और दोषी पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

सूत्रों का कहना है कि इन दोनों वीएलई के अलावा, अन्य वीएलई द्वारा की गई प्रविष्टियों की भी जांच कराई जाएगी ताकि योजना में किसी प्रकार की अनियमितता को रोका जा सके

मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना महिलाओं के आर्थिक सर्वेक्षण और उनके सशक्तिकरण के लिए लागू की गई थी। इस योजना में अगर इस प्रकार की अनियमितताएं सामने आती हैं, तो यह न केवल सरकार की योजनाओं पर सवाल खड़ा करती है, बल्कि उन महिलाओं के हक पर भी आघात करती है, जिनके लिए यह योजना बनाई गई थी।

प्रतीकात्मक तस्वीर

इस प्रकरण ने योजना की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब यह देखना होगा कि जांच के बाद दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है, और सरकार कैसे सुनिश्चित करती है कि भविष्य में ऐसी अनियमितताएं न हों।

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