रक्षाबंधन का पवित्र पर्व: घर पर बनाएं वैदिक राखी

Team Hu: रक्षाबंधन भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक पर्व है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। राखी को रक्षासूत्र के रूप में भी जाना जाता है। जबकि अधिकतर लोग बाजार से राखी खरीदते हैं, आप इसे घर पर ही मात्र 2 रुपये खर्च करके वैदिक राखी तैयार कर सकते हैं। काशी के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय हमें बताते हैं कि वैदिक राखी कैसे बनाएं।

वैदिक राखी बनाने की सामग्री

पंडित संजय उपाध्याय के अनुसार, वैदिक राखी बनाने के लिए कलावा, केसर, चंदन, अक्षत (चावल), दूर्वा घास, सरसों के दाने और लाल कपड़े की आवश्यकता होती है। इन सभी सामग्रियों का सनातन धर्म में गहरा महत्व है, जो इस राखी को विशेष और प्रभावी बनाता है। चावल को शुक्र ग्रह का प्रतीक माना जाता है, जो माता लक्ष्मी की कृपा दिलाता है, जबकि केसर और सरसों के दाने गुरु ग्रह के प्रतीक होते हैं। दूर्वा घास भगवान गणेश को प्रिय होने के कारण, इसका प्रयोग रक्षासूत्र में करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।

वैदिक राखी बनाने की विधि

पंडित संजय उपाध्याय बताते हैं कि वैदिक राखी बनाने के लिए सबसे पहले लाल कपड़े में केसर, सरसों के दाने, चंदन, चावल और दूर्वा घास को रखकर एक छोटी पोटली बना लें। फिर इस पोटली को कलावा के साथ बांध दें। इस प्रकार आपकी शुद्ध और पवित्र वैदिक राखी तैयार हो जाती है।

रक्षाबंधन का विशेष संयोग

पंडित संजय उपाध्याय के अनुसार, इस वर्ष रक्षाबंधन का त्योहार 19 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक भद्राकाल रहेगा, जिसके बाद ही रक्षासूत्र बांधना शुभ माना जाएगा। इस वर्ष रक्षाबंधन पर सौभाग्य, सिद्धि, शोभन योग के साथ-साथ सर्वार्थ सिद्धि योग का अद्भुत संयोग बन रहा है, जो इसे और भी खास बनाता है।

Leave a Comment

Recent Post

Live Cricket Update

You May Like This