केदारनाथ के भीमबली में भूस्खलन: मंदाकिनी नदी में गिरी पहाड़ी, संभावित खतरे की चेतावनी

Team Hu: बीते रविवार को केदारनाथ के भीमबली क्षेत्र में एक बड़े भूस्खलन की घटना घटी, जिसमें एक विशाल पहाड़ी खिसककर मंदाकिनी नदी में समा गई। इस घटना का वीडियो वहाँ से गुजरने वाले कुछ यात्रियों ने रिकॉर्ड किया, जिसमें देखा जा सकता है कि कैसे पूरा पहाड़ धीरे-धीरे नदी में गिर रहा है, जिससे नदी का बहाव अवरुद्ध हो गया और इसके ऊपरी हिस्से में तालाब बन गया। यह राहत की बात है कि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नन्दन सिंह रजवार के अनुसार, इस घटना के बाद मंदाकिनी नदी में पानी का प्रवाह रुक गया और वहाँ अस्थायी रूप से एक तालाब बन गया, जो अब धीरे-धीरे समाप्त हो रहा है। किसी भी संभावित खतरे से बचने के लिए गौरीकुंड से रुद्रप्रयाग तक अलर्ट जारी किया गया है और नदी किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

बढ़ते प्राकृतिक हादसे: चिंताएं और चुनौतियाँ

हाल के वर्षों में हिमालयी क्षेत्रों में भूस्खलन और अन्य प्राकृतिक आपदाओं की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। अप्रैल 2024 में इसरो ने खुलासा किया था कि हिमालय में 2431 ग्लेशियल झीलें हैं, जिनमें से 676 झीलों का आकार लगातार बढ़ रहा है। इनमें से 130 झीलें भारत में स्थित हैं, जो ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण खतरे में हैं।

भूस्खलन भी एक प्रमुख प्राकृतिक आपदा है, जहां पहाड़ों के बड़े हिस्से खिसककर नदी में गिरते हैं, जिससे नदी का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है और इसके परिणामस्वरूप एक अस्थायी तालाब बन जाता है। जब इस तालाब का पानी का दबाव बढ़ता है, तो वह एक दिन टूट सकता है, जिससे अचानक बाढ़ का खतरा पैदा हो सकता है।

भूस्खलन के कारण और इसके परिणाम

भूस्खलन की घटनाएं आमतौर पर तब होती हैं जब पहाड़ी ढलान की स्थिरता बिगड़ जाती है। इस स्थिति में पहाड़ी के बड़े हिस्से खिसककर नीचे की तरफ गिरने लगते हैं, जो कभी-कभी नदियों के रास्ते को अवरुद्ध कर देते हैं, और इससे अचानक बाढ़ जैसी आपदाओं की संभावना बढ़ जाती है। पिछले कुछ वर्षों में हिमालयी क्षेत्रों में मौसम की चरम घटनाओं की बढ़ोतरी देखी गई है, जिससे भूस्खलन और अन्य प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बढ़ गया है।

 

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