बांग्लादेश में विवादास्पद कोटा सिस्टम पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज

Praveen sharma/Hu: बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट आज एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाएगी कि क्या सिविल सर्विस जॉब्स के लिए आरक्षित कोटा प्रणाली को समाप्त किया जाए। यह मामला बांग्लादेश में छात्र आंदोलनों के केंद्र में है और इसने व्यापक राष्ट्रीय असंतोष को जन्म दिया है। इसके पूर्व, प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस मुद्दे पर विवादास्पद टिप्पणियां की हैं, जिसने हालात को और जटिल बना दिया है।

क्या है कोटा सिस्टम?

बांग्लादेश में 1971 के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिलता है। हालांकि, इस कोटा प्रणाली के विरोध में 2018 में एक हिंसक छात्र आंदोलन हुआ था। हाल ही में, हाई कोर्ट ने कोटा सिस्टम को फिर से लागू करने का फैसला सुनाया है, जिसे सरकार ने निलंबित कर दिया था।

प्रधानमंत्री की टिप्पणी और बढ़ती हिंसा

प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 14 जुलाई को इस विवाद पर टिप्पणी करते हुए कहा, “क्या स्वतंत्रता सेनानियों के पोते-पोतियों को लाभ नहीं मिलेगा, तो क्या रजाकारों के वंशजों को मिलेगा?” इस बयान ने विरोध को और भड़काया, जिससे विरोध प्रदर्शनों में हिंसा का इजाफा हुआ।

हालात की गंभीरता

इस विवाद के बाद बांग्लादेश में स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। हिंसक प्रदर्शनों और दंगों ने कई सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है और अब तक 133 लोग मारे जा चुके हैं। सरकार ने देशभर में कर्फ्यू लागू कर दिया है और सड़कों पर सेना तैनात की है।

भारतीय छात्रों की वापसी

अशांति के मद्देनजर, बांग्लादेश में पढ़ रहे लगभग 1000 भारतीय छात्रों को स्वदेश लौटने की सलाह दी गई है। भारतीय दूतावास ने किसी भी आपात स्थिति के लिए 24×7 हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।

आगे की राह

सुप्रीम कोर्ट का आज का फैसला इस विवाद को समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। इस बीच, बांग्लादेश में स्थिति पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है, और आने वाले दिनों में स्थिति में सुधार की उम्मीद की जा रही है।

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