Team Hu: रियाली तीज का त्योहार सावन के महीने में मनाया जाता है, जिसमें भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। यह दिन विशेष रूप से सुहागिन महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि वे इस दिन व्रत रखकर अपने पति की लंबी उम्र और सुखमय दांपत्य जीवन की कामना करती हैं। देवघर के ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने बताया कि इस साल हरियाली तीज का व्रत 7 अगस्त को रखा जाएगा।
पूजा की विधि
पहली बार व्रत रखने वाली महिलाएं कैसे करें पूजा:
1. हरा रंग का वस्त्र पहनें:
पहली बार हरियाली तीज का व्रत रखने वाली महिलाएं हरे रंग का सूट या साड़ी पहनें। यह रंग सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
2. निर्जला व्रत रखें:
इस दिन निर्जला व्रत रखना शुभ माना जाता है। यदि स्वास्थ्य कारणों से निर्जला व्रत संभव न हो, तो फलाहार व्रत रखें। चावल का सेवन इस दिन बिल्कुल न करें।
3. सोलह श्रृंगार करें:
पूजा के दौरान हरे वस्त्र और सोलह श्रृंगार करें। सिंदूर का विशेष महत्व होता है, इसे अवश्य अर्पित करें और पूजा के बाद माथे पर लगाएं। इससे माता पार्वती प्रसन्न होती हैं।
4. कथा अवश्य सुनें:
हरियाली तीज की कथा जरूर सुनें या पढ़ें। इससे दांपत्य जीवन सुखमय रहता है और परिवार में हंसी-खुशी का माहौल बना रहता है।
5. चंद्रमा को अर्घ्य दें:
रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोलें। अगले दिन स्नान करने के बाद ही अपना व्रत खोलें। इससे पूजा का शुभफल प्राप्त होता है।
पंडित नंदकिशोर मुद्गल के अनुसार
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने कहा, “हरियाली तीज का व्रत रखने से दांपत्य जीवन सुखमय रहता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। कुंवारी लड़कियां भी इस दिन व्रत रखकर मनचाहे वर की कामना कर सकती हैं।”
व्रत के फायदे
– दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि:
हरियाली तीज का व्रत करने से दांपत्य जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है।
– पति की लंबी उम्र:
इस व्रत को करने से पति की लंबी उम्र की कामना की जाती है।
– आध्यात्मिक शांति:
व्रत और पूजा से मानसिक और आध्यात्मिक शांति मिलती है।
हरियाली तीज का व्रत सभी सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। इसे विधिपूर्वक करने से दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है और परिवार में हंसी-खुशी का माहौल रहता है।