TeamHU : ओडिशा के राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के बाद रघुवर दास विशेष विमान से रांची पहुंचे। एयरपोर्ट पर भाजपा के नेताओं और सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने फूल-मालाओं से उनका भव्य स्वागत किया। धुर्वा स्थित उनके सरकारी आवास पर भी पटाखे छोड़े गए और समर्थकों ने उत्सव मनाया।
तकनीकी रूप से अब भी ओडिशा के राज्यपाल
हरि बाबू कंभमपति को ओडिशा का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है, लेकिन वे 2 जनवरी को पदभार ग्रहण करेंगे। इस वजह से रघुवर दास 2 जनवरी तक तकनीकी रूप से ओडिशा के राज्यपाल बने रहेंगे। इस कारण वे 2023 के अंतिम सप्ताह में भाजपा में शामिल नहीं हो पाएंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा की सदस्यता वे नए साल के पहले सप्ताह में लेंगे।
राज्यपाल कार्यकाल को लेकर भावनाएं साझा कीं
रघुवर दास ने अपने कार्यकाल के दौरान ओडिशा राजभवन को आम जनता के लिए खोलने का उल्लेख करते हुए कहा:
> “राज्यपाल को लाट साहब नहीं, बल्कि जनता का प्रतिनिधि होना चाहिए। मैंने 14 महीने तक ओडिशा राजभवन को जनता के लिए खुला रखा।”
उन्होंने ओडिशा के लोगों के प्रेम और स्नेह के लिए आभार प्रकट किया और कहा कि राज्यपाल के रूप में उनके अनुभव बेहद सुखद रहे।
भाजपा के प्रति समर्पण व्यक्त किया
रघुवर दास ने भाजपा के प्रति अपनी गहरी निष्ठा जाहिर करते हुए कहा:
> “पार्टी और जनता का हित ही मेरे जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य है। भाजपा ने मुझे पहचान दी है, और मेरी इच्छा है कि जब मैं इस दुनिया से विदा लूं, तो भाजपा का झंडा मेरे शव पर हो।”
उन्होंने भाजपा को एक ऐसी पार्टी बताया जिसमें समर्पित कार्यकर्ता शीर्ष पर पहुंच सकता है।
सपोर्टर्स की प्रतिक्रिया
समर्थकों ने रघुवर दास की वापसी पर खुशी जाहिर करते हुए कहा:
> “पिंजड़े से शेर आजाद हो गया।”
आगामी भूमिका
रघुवर दास ने कहा कि भाजपा ही उनकी भूमिका तय करेगी, और वे हर जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा से निभाने के लिए तैयार हैं। उनकी राजनीतिक सक्रियता पर अब सबकी नजरें टिकी हुई हैं, और संभावना है कि वे भाजपा के महत्वपूर्ण रणनीतिक फैसलों में बड़ी भूमिका निभाएंगे।