Team Hu: झारखंड के जमशेदपुर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक व्यक्ति ने ऑटो रिक्शा में एक छोटी बच्ची की तस्वीर देखकर दावा किया कि वह उसकी बेटी है, जिसे अस्पताल ने तीन साल पहले मृत घोषित किया था।
घटना का विवरण
तीन साल पहले, संगीता मौर्य उर्फ संगीता प्रसाद ने सिदगोड़ा स्थित एक नर्सिंग होम में जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। अस्पताल ने बताया कि बेटी की मृत्यु हो गई है, लेकिन उन्होंने बच्ची का शव परिवार को नहीं सौंपा। 30 जुलाई 2024 को संगीता के पति, अविनाश प्रसाद, ने बारीडीह चौक पर खड़े रहते समय एक ऑटो रिक्शा में लगी तस्वीर देखी, जो उनके बेटे से बहुत मिलती थी।
परिवार का आरोप
संगीता प्रसाद ने सिदगोड़ा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उनकी बेटी जिंदा है और उसे अस्पताल ने बेचा है। संगीता का कहना है कि ऑटो रिक्शा चालक ने बताया कि तस्वीर उसकी भगिनी की है। संदेह होने पर जब संगीता ने कहा कि यह उनकी जुड़वा बच्ची है, तो ऑटो चालक वहां से भाग गया और बाद में उसने अपनी गाड़ी से बच्ची की तस्वीर हटा दी।
पुलिस की कार्रवाई
सिदगोड़ा थाना प्रभारी गुलाम रब्बानी ने बताया कि मामले की जांच चल रही है। अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है, लेकिन जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। रब्बानी ने कहा, “मृत बच्ची के जिंदा रहने का मामला सामने आया है, लेकिन अभी उसमें एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।”
सवाल
1. क्या अस्पताल ने बच्ची को बेचा?
2. क्या ऑटो रिक्शा चालक का परिवार बच्ची को जानबूझकर छिपा रहा था?
3. क्या परिवार को न्याय मिलेगा?
इस घटना ने चिकित्सा क्षेत्र में नैतिकता और कानून के पालन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस जांच के बाद ही सच्चाई सामने आ पाएगी।
इस खबर से जुड़े और अपडेट्स के लिए हमारे साथ बने रहें।