रोहित शर्मा ने टेस्ट से लिया ब्रेक: क्या मेलबर्न उनका आखिरी टेस्ट था?

TeamHU : भारतीय कप्तान रोहित शर्मा, जो हाल ही में खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं, ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रही टेस्ट सीरीज के पांचवें और आखिरी मुकाबले से खुद को बाहर कर लिया। रोहित ने मौजूदा सीरीज के तीन टेस्ट मैचों की पांच पारियों में मात्र 31 रन बनाए। उनकी गैरमौजूदगी में उपकप्तान जसप्रीत बुमराह टीम की कप्तानी कर रहे हैं।

क्या मेलबर्न टेस्ट रोहित का आखिरी मुकाबला था?

पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर और रवि शास्त्री का मानना है कि अगर भारत वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं करता, तो मेलबर्न टेस्ट रोहित का आखिरी टेस्ट हो सकता है। गावस्कर ने कहा,

“चयनकर्ता भविष्य की ओर देखेंगे। अगर भारत 2027 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल तक पहुंचता है, तो वे एक ऐसे खिलाड़ी को टीम में रखना चाहेंगे जो उस समय तक खेल सके। हमने शायद रोहित शर्मा को आखिरी बार टेस्ट खेलते हुए देखा।”



रवि शास्त्री ने भी इसे रोहित का साहसी फैसला बताया। उन्होंने कहा,

> “रोहित मानसिक और शारीरिक रूप से शायद अपनी सर्वश्रेष्ठ स्थिति में नहीं हैं। यह एक कप्तान का बहादुर निर्णय है कि उसने टीम के हित में खुद को बाहर रखने का फैसला किया।”

टीम इंडिया की स्थिति

भारत इस समय सीरीज में 1-2 से पीछे है और सिडनी टेस्ट जीतने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। अगर भारत हारता है, तो उसकी WTC फाइनल में पहुंचने की उम्मीदें भी खत्म हो जाएंगी।

क्या रोहित संन्यास की घोषणा करेंगे?

रवि शास्त्री ने संकेत दिया कि रोहित घरेलू सीजन में शायद खेलते, लेकिन अब वे जल्द ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर सकते हैं।

> “भारत के पास प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ियों की कमी नहीं है। यह कठिन निर्णय है, लेकिन हर किसी को इसे लेना पड़ता है।”


अन्य विशेषज्ञों की राय

संजय मांजरेकर:
“रोहित ने टीम के लिए सही समय पर सही फैसला लिया। लेकिन इस फैसले को लेकर जो रहस्य रखा गया, वह समझ से बाहर है।”

मार्क टेलर (ऑस्ट्रेलिया):
“कोई कप्तान निर्णायक टेस्ट से खुद को बाहर नहीं करता। उन्हें खराब फॉर्म की वजह से ड्रॉप किया गया है। यह कोई अपराध नहीं है।”


आगे का रास्ता

भारत को अगली टेस्ट सीरीज जून में खेलनी है। रोहित के भविष्य को लेकर फिलहाल कोई स्पष्टता नहीं है, लेकिन चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन के लिए यह एक अहम समय है, क्योंकि भारतीय टीम में बदलाव की प्रक्रिया तेज हो सकती है।

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