TeamHU : हजारीबाग की एसडीओ अशोक कुमार की पत्नी अनिता कुमारी की मौत के मामले ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना के खिलाफ रविवार को एक ऐतिहासिक कैंडल मार्च और मशाल जुलूस का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों लोगों ने शामिल होकर न्याय की मांग की।
जुलूस में बड़ी संख्या में लोग शामिल
यह मार्च बुढ़वा महादेव प्रांगण से शुरू होकर झंडा चौक तक गया, जहां अनिता कुमारी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस जुलूस में सदर विधायक प्रदीप प्रसाद, चतरा विधायक जनार्दन पासवान, भाजपा जिलाध्यक्ष विवेकानंद सिंह समेत कई गणमान्य लोग और सैकड़ों नागरिक शामिल हुए।
विधायकों का बयान
सदर विधायक प्रदीप प्रसाद ने कहा,
“यह केवल अनिता कुमारी का मामला नहीं है, बल्कि समाज की हर बहू-बेटी के सम्मान और सुरक्षा का सवाल है। जब तक दोषियों को फांसी की सजा नहीं मिलती, यह संघर्ष जारी रहेगा।”
उन्होंने पुलिस और प्रशासन से इस मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की।
चतरा विधायक जनार्दन पासवान ने कहा,
“यह घटना पूरे समाज के लिए पीड़ा का विषय है। जब तक दोषियों को सख्त से सख्त सजा नहीं मिलती, यह आंदोलन जारी रहेगा।”
घटना का विवरण
26 दिसंबर की सुबह हजारीबाग एसडीएम आवास पर अनिता कुमारी के जलने की घटना हुई। गंभीर हालत में उन्हें पहले स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, फिर बोकारो और अंततः रांची के देवकमल अस्पताल रेफर किया गया। इलाज के दौरान 27 दिसंबर की रात अनिता कुमारी का निधन हो गया।
जनता में आक्रोश और एकजुटता
घटना के बाद शहर में आक्रोश फैल गया। शनिवार को रांची में पोस्टमार्टम के बाद परिजनों और शहरवासियों ने दोषियों की गिरफ्तारी और फांसी की सजा की मांग की। रविवार को आयोजित कैंडल मार्च ने पूरे हजारीबाग में जागरूकता और एकजुटता का संदेश दिया।
प्रमुख मांगें
1. तत्काल गिरफ्तारी: आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
2. उचित सजा: दोषियों को कठोरतम सजा दिलाई जाए।
3. महिला सुरक्षा: इस घटना को उदाहरण बनाते हुए महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
आयोजन में शामिल प्रमुख लोग
कार्यक्रम में भाजपा के जिलाध्यक्ष विवेकानंद सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक यादव, सांसद प्रतिनिधि अनिल मिश्रा, नगर मंडल अध्यक्ष समेत कई नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे। बड़ी संख्या में महिलाओं और युवाओं ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
समाज की जिम्मेदारी का संदेश
कैंडल मार्च ने एक स्पष्ट संदेश दिया कि महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान केवल परिवार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज की प्राथमिकता है। यह आंदोलन न केवल न्याय के प्रति प्रतिबद्धता को दिखाता है, बल्कि समाज को जागरूक और संगठित करने का प्रयास भी है।
अनिता कुमारी की मौत ने पूरे हजारीबाग को झकझोर दिया है। यह संघर्ष न केवल न्याय की लड़ाई है, बल्कि महिला सम्मान और सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।