TeamHU : दिल्ली में कानून व्यवस्था को लेकर सियासी तापमान बढ़ता जा रहा है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली में बिगड़ती कानून व्यवस्था और रोहिंग्या के मुद्दे पर केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। 14 दिसंबर को आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर राजधानी में बढ़ते अपराध पर चिंता जताई थी। इसके बाद, 15 दिसंबर को दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने अमित शाह को चिट्ठी लिखी और केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
आतिशी के आरोप
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने अपने पत्र में केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह राष्ट्रीय राजधानी के लोगों का हक छीनकर रोहिंग्याओं को बसाने में लगी है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के 2022 में किए गए ट्वीट का हवाला देते हुए कहा कि रोहिंग्याओं को बसाने की बात खुद केंद्र सरकार ने स्वीकार की थी।
आतिशी ने सवाल उठाया:
“क्या केंद्र सरकार भारत-बांग्लादेश बॉर्डर की सुरक्षा करने में नाकाम रही है?”
“दिल्ली में रोहिंग्याओं को बसाने का निर्णय क्यों लिया गया?”
अरविंद केजरीवाल की चिंता
आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने एक दिन पहले अमित शाह को लिखी चिट्ठी में दिल्ली में बढ़ते अपराध और बिगड़ती कानून व्यवस्था पर गंभीर चिंता जताई थी। उन्होंने गृह मंत्री से मुलाकात के लिए समय भी मांगा।
आप की राष्ट्रीय प्रवक्ता का बयान
आप की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा:
“गृह मंत्री अमित शाह को चुनावी मोड से बाहर आना चाहिए और दिल्ली की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए।”
“दिल्ली के लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। केंद्र को इस पर तुरंत प्रभावी कदम उठाने चाहिए।”
बढ़ते अपराध और राजनीतिक खींचतान
दिल्ली में कानून व्यवस्था की स्थिति पर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच खींचतान कोई नई बात नहीं है। इस बार, आप सरकार ने सीधे तौर पर केंद्रीय गृह मंत्रालय पर निशाना साधा है।
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अमित शाह और केंद्र सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या दिल्ली की सुरक्षा और रोहिंग्या मुद्दे पर कोई स्पष्ट कदम उठाए जाएंगे।