TeamHU: सदर विधानसभा के कर्जन ग्राउंड में भाजपा नेत्री शेफाली गुप्ता के नेतृत्व में आज भव्य कर्मा महोत्सव का सफल आयोजन हुआ। इस महोत्सव का उद्देश्य झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देना और इसे जीवंत रखना था। महोत्सव ने स्थानीय कलाकारों और युवाओं को अपनी कला और संस्कृति प्रदर्शित करने का एक उत्कृष्ट मंच प्रदान किया।
सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं ने बढ़ाया महोत्सव का आकर्षण
महोत्सव के मुख्य आकर्षणों में से एक सामूहिक नृत्य प्रतियोगिता रही, जिसमें 89 से अधिक टीमों ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में पारंपरिक झारखंडी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां देखने को मिलीं। आदिवासी छात्रावास की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त कर ₹21,000 का पुरस्कार जीता, जबकि नृत्य वाटिका और बी डबल्यू कॉलेज की अंकिता ग्रुप को क्रमशः ₹15,000 और ₹11,000 के पुरस्कार मिले। इसके अतिरिक्त 10 टीमों को सांत्वना पुरस्कार के रूप में ₹2,100 से सम्मानित किया गया।
युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए सर्वश्रेष्ठ रील प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ, जिसमें युवा प्रतिभाओं ने रचनात्मकता और तकनीकी कौशल का प्रदर्शन किया। विजेताओं को क्रमशः ₹3,100, ₹2,100 और ₹1,100 के पुरस्कार दिए गए।
संगीत प्रेमियों के लिए विशेष आयोजन
महोत्सव में संगीत प्रेमियों के लिए वादन प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिसमें कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस प्रतियोगिता के विजेता को ₹3,100 और दूसरे स्थान पर आने वाले को ₹2,100 का पुरस्कार मिला।
विशेष अतिथियों ने किया महोत्सव का गौरव बढ़ाया
महोत्सव के मुख्य अतिथि, हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा, “इस प्रकार के आयोजन झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने और उसे आगे बढ़ाने के लिए बेहद आवश्यक हैं।” उन्होंने शेफाली गुप्ता के इस प्रयास की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
कार्यक्रम में स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों, जिनमें संतोष कुमार गुप्ता, पंकज यादव, दिलीप कुमार गुप्ता, और बसंत राणा जैसे प्रमुख लोग शामिल थे, की उपस्थिति ने आयोजन को और भी विशेष बना दिया। शेफाली गुप्ता ने सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत अंगवस्त्र देकर किया।
शेफाली गुप्ता की प्रेरणादायक पहल
शेफाली गुप्ता ने कर्मा महोत्सव की सफलता पर खुशी जताते हुए कहा, “हमारा उद्देश्य झारखंड की संस्कृति को संजोना और उसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना है। इस महोत्सव ने न केवल सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा दिया है, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे का भी संदेश दिया है।”
इस महोत्सव की सफलता ने यह साबित कर दिया कि झारखंड की संस्कृति को जीवंत रखने के लिए इस तरह के आयोजन बेहद महत्वपूर्ण हैं।