Team/hu:गणेश चतुर्थी के मौके पर आईसेक्ट विश्वविद्यालय के तरवा -खरवा स्थित मुख्य कैंपस के प्रांगण में कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद, कुलपति डॉ पीके नायक, डीन एडमिन डॉ एसआर रथ, वोकेशनल निदेशक डॉ बिनोद कुमार सहित अन्य ने संयुक्त रूप से भगवान गणेश जी को विधिवत पूजा के साथ स्थापित किया गया।
बता दें कि सर्वप्रथम भगवान गणेश जी के प्रतिमा को विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार तक लाया गया। इस बीच “गणपति बप्पा मोरया” के नारों से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गूंज उठा। इसके बाद प्रशासनिक भवन में गणपति बप्पा को विराजमान किया गया। नवग्रहण पूजा कराया गया जिसमें विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद, कुलपति डॉ पीके नायक, डीन एडमिन डॉ एसआर रथ, वोकेशनल निदेशक डॉ बिनोद कुमार सहित अन्य ने इसमें हिस्सा लिया। नवग्रहण पूजन के दौरान उच्चारित वैदिक मंत्रों के अर्थ भी मौजूद लोगों को बताए गए। इसके बाद आरती शुरू हुई, जिसमें विश्वविद्यालय के सभी प्राध्यापक-प्राध्यापिकाएं व कर्मियों के साथ साथ बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार आज ही के दिन भगवान शिव के गण हाथी का शीश लेकर कैलाश पहुंच गए थे। तब हाथी का शीश लगाकर भगवान शिव ने गणेश जी को पुनर्जीवित किया था। डॉ गोविंद ने भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और सिद्धिदायक बताते हुए कहा कि हमें अंतर्मन से पूजा अराधना करते हुए भगवान गणेश का स्मरण करना चाहिए। वहीं विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीके नायक ने कहा कि आईसेक्ट विश्वविद्यालय में गणपति बप्पा के आगमन पर न केवल गणेश चतुर्थी से जुड़ी समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपराओं को बरकरार रखा गया, बल्कि विद्यार्थियों के बीच एकता, पर्यावरण चेतना व ज्ञान एवं बुद्धि के खोज के महत्व पर जोर दिया गया। बताते चलें कि सात दिनों तक भगवान गणेश विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में स्थापित रहेंगे, जहां हर शाम 5:30 बजे आरती होगी। आगामी 14 सितंबर को शाम 4:00 बजे आरती के बाद विसर्जन किया जाएगा।