TeamHU : डिजिटल पूजा, डिजिटल दर्शन और डिजिटल दक्षिणा के बाद अब डिजिटल स्नान का भी चलन शुरू हो गया है। महाकुंभ में स्नान करने से वंचित श्रद्धालुओं के लिए एक युवक ने “डिजिटल स्नान” की सुविधा शुरू करने का दावा किया है। सोशल मीडिया पर इस अनोखे स्टार्टअप का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें युवक अपनी सर्विस का प्रचार करता नजर आ रहा है।
कैसे होगा डिजिटल स्नान?
वीडियो में युवक खुद को प्रयागराज का रहने वाला बता रहा है। वह कहता है कि श्रद्धालु उसे व्हाट्सएप पर अपनी फोटो भेजें और 1,100 रुपये का शुल्क जमा करें। पैसे मिलते ही वह उनकी फोटो को प्रिंट कर संगम में डुबकी लगवाएगा और स्नान का वीडियो भी बनाकर भेजेगा। युवक का दावा है कि इससे लोगों को महाकुंभ स्नान का पुण्य लाभ मिलेगा।
स्टार्टअप या ठगी? सोशल मीडिया पर मिल रही आलोचना
युवक ने इस सेवा को “प्रयाग इंटरप्राइजेज” के नाम से लॉन्च किया है, लेकिन जैसे ही इसका वीडियो वायरल हुआ, लोगों ने इस पर जमकर प्रतिक्रिया दी। कुछ इसे नया स्टार्टअप कह रहे हैं, तो कई इसे ठगी का नया तरीका बता रहे हैं।
क्या डिजिटल स्नान से मिलता है पुण्य? ज्योतिषाचार्य की राय
इस डिजिटल स्नान पर धार्मिक विद्वानों की राय भी सामने आई है। वंदे गोमातरम शिविर के संचालक ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश शास्त्री का कहना है कि
> “शास्त्रों में डिजिटल स्नान जैसी कोई परंपरा नहीं है। यह केवल पैसा कमाने का एक नया तरीका है।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि पुण्य प्राप्ति के लिए वास्तविक स्नान, मंत्र जाप, दान, यज्ञ और अनुष्ठान आवश्यक हैं। फोटो के माध्यम से स्नान कराने से कोई धार्मिक लाभ नहीं मिलता।
क्या डिजिटल पूजा, स्नान और दर्शन भविष्य हैं?
हाल के वर्षों में ऑनलाइन पूजा और दर्शन की सुविधा लोकप्रिय हो रही है। कई धार्मिक स्थल भक्तों को वीडियो कॉल के माध्यम से पूजा और दर्शन की सुविधा देते हैं। हालांकि, डिजिटल स्नान की अवधारणा पहली बार देखने को मिली है और इसे लेकर लोगों में मिली-जुली प्रतिक्रिया है।
अब देखना यह है कि क्या लोग इस “डिजिटल स्नान” को अपनाते हैं या इसे सिर्फ एक वायरल ट्रेंड मानकर नजरअंदाज करते हैं।