TeamHU : उन्नाव जिले के एक छोटे से गांव में एक अनोखी शादी हुई, जिसने पारंपरिक रीत रिवाजों में एक नया मोड़ ला दिया। इलेक्ट्रो मैकेनिकल इंजीनियर दुर्लभ और उनकी लाइफ पार्टनर हरमनदीप कौर ने अपनी शादी को नयी सोच से सजाया। दोनों कनाडा में मल्टीनेशनल कंपनी में बेहतर पैकेज पर कार्यरत होने के बावजूद, उन्होंने अपने पारंपरिक मूल्यों और जमीन से जुड़े रहने का निर्णय लिया।
शादी का अनोखा अंदाज
शादी समारोह का आयोजन खेत में बने पांडाल में हुआ, जिसमें सभी धार्मिक रीति रिवाजों के साथ सादगी से कार्यक्रम संपन्न किया गया।
मेहमानों को उपहार में पौधे वितरित किए गए, जो पर्यावरण सुरक्षा का संदेश देते हैं।
दिए गए पौधों में नीम, पीपल, बोहड़, अजवाइन और आंवला जैसे पौधे शामिल थे, जिन्हें आने वाले भविष्य में अधिक ऑक्सीजन देने और औषधीय गुणों के लिए सराहा गया।
परिवार के विचार और अपील
दुल्हन हरमनदीप कौर ने बताया कि उन्होंने चाहा कि शादी के बाद मायके में विदाई के समय उदासी न हो, बल्कि ससुराल में पहले ही दिन से खुशी का माहौल बना रहे।
उन्होंने कहा, “हमने सोचा कि अगर शादी अपने गांव के खेतों में हो, तो मायके और ससुराल का फर्क मिट जाएगा। इससे हमारी शादी में पारिवारिक खुशियों का माहौल बना रहेगा।”
दूल्हा दुर्लभ ने भी कहा कि वे अक्सर दूसरों की शादियों में देखा करते थे कि विदाई के समय दुल्हन की आँखों में आँसू आ जाते हैं। इसी वजह से उन्होंने अपने समारोह को इस तरह से सजाने का निर्णय लिया।
विवाह समारोह में साफ-सुथरी सादगी
शादी के दौरान फिजूलखर्ची से बचते हुए समारोह को एक भव्य लेकिन सादगीपूर्ण अंदाज में संपन्न किया गया।
दुर्गा पूजा के समान, उपहार में दिए गए पौधे ने न सिर्फ बारातियों, बल्कि दोनों पक्ष के परिवारों में खुशी की लहर दौड़ा दी।
समारोह में नये रीत-रिवाज अपनाए गए, जिससे शादी के सभी क्षणों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ।
समारोह का सामाजिक और पर्यावरणीय संदेश
इस अनोखी शादी ने न केवल पारंपरिक मूल्यों को पुनर्जीवित किया, बल्कि साथ ही पर्यावरण के प्रति जागरूकता का भी संदेश दिया।
उपहार में दिए गए पौधे भविष्य की जिंदगी का प्रतीक बने, जो आने वाले समय में बेहतर पर्यावरण सुरक्षा और ऑक्सीजन उत्पादन का वादा करते हैं।
यह शादी दोनों परिवारों के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक बन गई है, जिसमें पारंपरिक सांस्कृतिक मूल्य और आधुनिक सोच का संगम देखने को मिला।