TeamHU : झारखंड में प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाभियान (पीएम-जनमन) और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (डीएजेजीयूए) के तहत 1220 नए आंगनबाड़ी केंद्र खोलने की योजना है। इससे आदिवासी बहुल इलाकों में पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती मिलेगी।

योजनाओं के तहत खुलेंगे नए केंद्र
पीएम-जनमन योजना के तहत 275 नए आंगनबाड़ी केंद्र खोले जाएंगे।
डीएजेजीयूए योजना के तहत 945 गांवों में आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
राज्य सरकार ने इसके लिए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है।
आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन का मॉडल
पीएम-जनमन योजना पूरी तरह केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित है।
डीएजेजीयूए योजना में केंद्र और राज्य सरकार की 70:30 की भागीदारी होगी।
डीएजेजीयूए के तहत जनजातीय बहुल गांवों के आंगनबाड़ी केंद्रों को सक्षम आंगनबाड़ी केंद्रों में बदला जाएगा।
7139 गांवों की सूची भेजी गई, 945 नए केंद्रों को मंजूरी का इंतजार
झारखंड सरकार ने 7139 जनजातीय बहुल गांवों की सूची केंद्र को सौंपी है, जिनमें 6524 गांवों में पहले से ही आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं।
615 गांवों में आंगनबाड़ी केंद्रों की जरूरत को लेकर सर्वे चल रहा है।
945 गांवों में नए केंद्रों की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का उद्देश्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2024 को झारखंड के हजारीबाग से धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की शुरुआत की थी। इस अभियान का उद्देश्य जनजातीय बहुल गांवों का समग्र और सतत विकास करना है। इसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं के विकास पर जोर दिया गया है।
क्या होगा फायदा?
आदिवासी इलाकों में पोषण और शिक्षा की स्थिति सुधरेगी।
गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं और छोटे बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी।
गांवों में महिलाओं और बच्चों को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
आदिवासी समुदायों का समग्र विकास और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।
झारखंड सरकार को उम्मीद है कि केंद्र से स्वीकृति मिलने के बाद जल्द ही इन 1220 आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना का काम शुरू होगा। इससे राज्य के जनजातीय इलाकों में स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।