TeamHU : बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े से बड़ा झटका लगा है। किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने ममता कुलकर्णी और आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी को अखाड़े से निष्कासित कर दिया है।

किन कारणों से हुई निष्कासन की कार्रवाई?
ऋषि अजय दास का आरोप है कि लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने उनकी अनुमति के बिना ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाया, जबकि वह देशद्रोह के मामले में लिप्त हैं और फिल्मी ग्लैमर से जुड़ी रही हैं। इसके अलावा, त्रिपाठी पर 2019 के प्रयागराज कुंभ में जूना अखाड़े के साथ अनैतिक अनुबंध करने का भी आरोप लगाया गया है।
लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी का पलटवार
लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने ऋषि अजय दास के दावे को खारिज करते हुए कहा कि अजय दास अब किसी पद पर नहीं हैं और उन्हें पहले ही अखाड़े से निष्कासित किया जा चुका है। इसलिए वह अखाड़े में किसी को निष्कासित करने का अधिकार नहीं रखते।

किन्नर अखाड़े में विवाद की वजह क्या?
1. अखाड़े में नेतृत्व को लेकर संघर्ष – अजय दास और लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी के बीच पुराना मतभेद।
2. जूना अखाड़े के साथ विवादित अनुबंध – 2019 में बिना अनुमति के जूना अखाड़े के साथ समझौता।
3. सनातन परंपराओं का पालन न करना – ऋषि अजय दास ने आरोप लगाया कि अखाड़े की परंपराओं और प्रतीकों के साथ छेड़छाड़ की गई।
4. ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने का विरोध – उन्हें संन्यास परंपरा का पालन किए बिना महामंडलेश्वर बना दिया गया।

ममता कुलकर्णी का संन्यास और विवाद
ममता कुलकर्णी ने महाकुंभ में संन्यास ग्रहण कर ‘श्री यामाई ममता नंद गिरि‘ नाम धारण किया।
उन्होंने दावा किया कि उन्होंने 23 साल पहले दीक्षा ली थी और अब पूरी तरह से संन्यासिनी बन चुकी हैं।
महाकुंभ में पिंडदान और दीक्षा के बाद किन्नर अखाड़े ने उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि दी।